प्रस्तावना:
शेयर बाजार की दुनिया में हर कोई सफलताओं की बातें करता है — किसने कितना कमाया, कौन-सा स्टॉक मल्टीबैगर निकला। लेकिन बहुत कम लोग उन गलतियों पर चर्चा करते हैं, जिन्होंने उन्हें सबसे बड़ा निवेशक बनाया। Confessions of Stock Market Wizards, Safir Anand द्वारा लिखी गई, इसी अपूर्ण हिस्से को पूरा करती है। यह किताब उन पलों की गहराई से पड़ताल करती है जब भारत के दिग्गज निवेशक लड़खड़ाए — और फिर अपने अनुभवों से सीखकर एक नई ऊंचाई पर पहुंचे।
लेखक का उद्देश्य: सिर्फ सफलता नहीं, उसकी कीमत भी
Safir Anand स्वयं एक अनुभवी रणनीतिकार और बौद्धिक संपदा (IP) विशेषज्ञ हैं। उनका मानना है कि निवेश में सबसे कम सिखाया जाने वाला विषय है: गलती करना और उससे सीखना। न स्कूल में, न किताबों में, और न ही आम निवेश चर्चाओं में यह सिखाया जाता है कि नुकसान से कैसे उबरें, गलत निर्णय को कैसे स्वीकारें, और खुद से कैसे सवाल पूछें। इस किताब में उन्होंने 26 दिग्गज निवेशकों से बातचीत की और उनके अनुभवों को एक ऐसा दस्तावेज़ बनाया जो हर निवेशक के लिए अनमोल है।
26 निवेशकों की जुबानी, 26 कहानियाँ, एक संदेश
इस किताब में शामिल हैं भारत के वे नाम जिनकी चर्चा हर निवेश मंच पर होती है:
- Samir Arora – अंतर्ज्ञान और विश्लेषण से निर्णय लेने में माहिर
- Sanjoy Bhattacharya – मार्केट की जटिलताओं को गहराई से समझने वाले
- Devina Mehra – डेटा-ड्रिवन निवेश के लिए जानी जाती हैं
- Vijay Kedia – सरल जीवन, गहरी सोच, और लंबे समय की प्रतिबद्धता
- Raamdeo Agrawal – \”Buy Right, Sit Tight\” सिद्धांत के प्रवर्तक
- E.A. Sundaram – निवेश को जीवन दर्शन से जोड़ने वाले
- और कई अन्य जैसे: Madhusudan Kela, Atul Suri, Sunil Singhania, Ramesh Damani
क्या है इस किताब की खासियत?
- कभी-कभी सही दिखने वाला निर्णय घाटे का कारण बन जाता है
- bull market की चमक में निर्णय गलत साबित हो सकते हैं
- किसी स्टॉक से भावनात्मक जुड़ाव नुकसानदेह हो सकता है
- हर गलती में एक सीख छिपी होती है
समीर अरोड़ा से एक सीख:
उन्होंने यह स्वीकार किया कि HDFC Bank जैसे स्टॉक में उन्होंने अंतर्ज्ञान और बिजनेस सेंस से निवेश किया — न कि केवल P/E Ratio देखकर। उनके अनुसार, \”Valuation tools को स्थायी रूप से पकड़ना गलत है, उन्हें संदर्भ के अनुसार देखना चाहिए।\”
वो कहते हैं — \”गलती तब होती है जब हम सोचते हैं कि हम सब जानते हैं।\”
संजय भट्टाचार्य का दृष्टिकोण:
संजय जी ने बताया कि सबसे बड़ा जोखिम तब होता है जब हम अपनी सोच पर ज्यादा भरोसा करने लगते हैं और सवाल पूछना बंद कर देते हैं। उन्होंने यह साझा किया कि कैसे एक समय उन्होंने एक स्टॉक को सिर्फ ब्रांड वैल्यू के आधार पर खरीदा, लेकिन वह कंपनी फंडामेंटली कमजोर थी।
सीख: Emotion और Data को अलग रखना ज़रूरी है।
किताब की शैली:
हर अध्याय एक “Confession” है — आत्म-स्वीकृति। यह बात कि – \”हाँ, मैंने गलत फैसला लिया था। हाँ, मैंने सीखा। और अब मैं बेहतर हूँ।\”
नए निवेशकों के लिए प्रमुख सीख:
- कभी भी बिना समझे किसी कंपनी में निवेश न करें
- हर सफलता के पीछे कई गलतियाँ छुपी होती हैं
- निवेश का पहला नियम है: नुकसान से बचो
- दूसरा नियम: पहला नियम न भूलो
- सीखने की यात्रा कभी खत्म नहीं होती
Safir Anand की भूमिका:
Safir Anand ने इस किताब को केवल शब्दों में नहीं, बल्कि अनुभवपूर्ण संवाद में बदला है। उन्होंने न केवल सवाल पूछे, बल्कि निवेशकों को अपनी भावनाओं और गलतियों को साझा करने के लिए सहज बनाया।
निष्कर्ष:
Confessions of Stock Market Wizards सिर्फ एक किताब नहीं, बल्कि निवेश की आत्मा है। यह हमें याद दिलाती है कि सफल निवेशक वही नहीं जो केवल मुनाफा कमाए, बल्कि वो है जो गलतियों को अपनाकर खुद को लगातार बेहतर बनाए।
अगर आप शेयर बाजार में गंभीरता से आगे बढ़ना चाहते हैं, तो यह किताब एक अनिवार्य मार्गदर्शक है — जो आपको न सिर्फ कमाने, बल्कि सोचने, पूछने और बदलने की ताकत देती है।
पढ़ें और सीखें:
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